साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 19
राहुल ने दीपक की बात सुनी तो उसके मुंह से एक ही बात निकली- "ओ भयंकर"
"हां, भयंकर ही मौत दी है उसे, और तब से तीन खून तो कर चुका, अब अगर विजय और अमन ऐसी हरकतों से बाज नही आये तो दो खून और करने पड़ेंगे" दीपक ने कहा।
"लेकिन अगर पकड़े गए तो, कभी सोचा है कि तुम्हारा क्या हश्र होगा…." राहुल ने कहा।
दीपक ने उसके पास ही बैठते हुए कहा- "मैं हमेशा कोशिश करता हूँ कि मैं अपने खिलाफ कोई सबूत ना छोड़ू लेकिन अगर कभी कही मेरी फ़ोटो या वीडियो आ गयी तो तुम्हे भी खतरा है"
राहुल ने बैचेन नजरो से दीपक की तरफ देखा और कहा- "तुम बात बात पर मुझे बीच मे क्यो लेकर आ रहे हो"
"समझा रहा हूँ तुम्हे, क्योकि अब तुम मेरी जिम्मेदारी हो, तुम्हारी सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है"
"लेकिन बातों से ये नही लग रहा कि समझा रहे हो, ऐसा लग रहा है तुम धमका रहे हो।" राहुल ने कहा।
दीपक हँसते हुए उठा और खिड़की से बाहर की तरफ देखते हुए अपने मोबाइल पर नजर डाली और कहा - "वो खाना लेकर आ रहा, बस अभी आ जायेगा खाना, मैंने कहा था ना कि खाने के पहुचने तक तुम्हारे हर सवाल का जवाब दे दूंगा"
"लेकिन सवाल तो खत्म हुई नही" राहुल बोला।
"अब कौन सा सवाल रह गया" दीपक ने सवाल किया।
"रोशनी…. वो कहाँ है?" राहुल ने पूछा।
"कल चलेंगे उससे मिलने, दोनो जाएंगे और सेम टू सेम बनकर, मतलब एक जैसे कपड़े, एक जैसे बाल, सब कुछ एक एक जैसा" दीपक बोला।
"लेकिन मेरे पास तुम्हारे जैसे कपड़े नही है" राहुल बोला।
"मेरे पास है ना, मैंने सब इंतजाम किया है, तुम ना लो टेंशन" दीपक ने कहा।
दरवाजे की घंटी बजी
दीपक ने दरवाजा खोला और डिलीवरी बॉय से आर्डर रिसीव किया और खाना लगाने लगा।
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अगली सुबह
अगली सुबह राहुल ने खुद को देखते हुए अपने बालो को वैसे ही सेट करने की कोशिश की जैसे दीपक के थे, लेकिन नही बना पा रहा था, फिर दीपक ने खुद उसके बाल बनाते हुए कहा- "बोल एक बार की "रोशनी कैसी हो तुम"
"अरे नही, मैं थोड़ी जाऊँगा उनके सामने, मैं तो भाभी ही बोलूँगा, रोशनी होगी तुम्हारी" राहुल बोला
"अरे नही, मैं चेक करना चाहता हूँ कि हम दोनो की आवाज में कोई फर्क है कि नही, शायद हमारी आवाज में भी कोई फर्क नही है, कहीं हम जुड़वा तो नही" दीपक ने कहा।
"आवाज भी सेम ही है, और स्टाइल भी, पता नही ऐसा क्यो …. हां बस कॉन्फिडेंस में फर्क है, तुम अकड़ू गुंडे और मैं भोला भाला…. आउच…. ये कंधे पर धीरे रखो हाथ" राहुल ने कहा।
"भोला भाला तो मैं भी था, मजबूरी ही है कि मैं ऐसे गुंडागर्दी करने लगा।" दीपक बोला।
राहुल ने दीपक की तरफ देखते हुए कहा- "सबकी अपनी अपनी मजबूरी है, मैं वेटर भी मजबूरी से ही हूँ, वरना किसी बड़े होटल में कूक होता।"
"सपने तो बड़े देख लिया कर भाई, कुक सोचता है तभी वेटर है, कभी ये सोचना की तुम किसी बड़े होटल के मालिक हो, तो मैनेजर की सीट तक तो पहुंच ही जाओगे, हमेशा पहाड़ की चोटी में पहुँचने के सपने देखकर मेहनत करनी चाहिए ताकि आधा तो पहुंच ही जाओगे, तुम सोचोगे ही आधा तो आधा भी नही चढ़ पाओगे" दीपक ने कहा।
राहुल सोच में डूब गया, क्योकि दीपक की बात में दम था।
"अब सोच क्या रहे हो, चलें।" दीपक ने कहा।
"हम्म चलो"
दोनो रोशनी के घर के बाहर पहुंचते है।
"मम्मी तो नही होगी उनकी" राहुल ने सवाल किया।
"नही वो एक दो दिन के लिए कहीं गए है, एक काम करना पहले मैं अंदर जाता हूँ, थोड़ी देर बाद जब बाहर आऊँगा किसी बहाने से तो तुम्हे बुलाऊंगा, तब तक तुम बाहर छिप जाओ, ये लो कान में ठूंस लो, मैं जो कहूँगा करते जाना, क्योकि तुम्हे छिपा छिपाकर किचन तक लाना है ताकि हम बीच बीच मे चेंज होते रहेंगे, " दीपक ने कहा।
"नही यार, जब उन्हें पता लगेगा कितना बुरा लगेगा, मैं नही…. प्लीज…. " राहुल ने कहा।
"अरे टेंशन मत लो, हम बस एक प्रेंक करेंगे, और देखना मेरे हमशक्ल को देखकर वो खुश हो जाएगी" दीपक ने कहा।
अंदर कमरे से हारमोनियम की आवाज गूंज रही थी, एक मीठी सी धुन….जैसे सुर 🎶🎶🎶🎶🎼🎶 दरवाजे से बाहर को उड़ते हुए आ रहे हो।
दीपक उसे मेन गेट से पीछे की तरफ ले गया और पहले खुद चुपके से अंदर झांका , अभी रोशनी की पीठ नजर आ रही थी जो हरमोनियम बजाते हुए बैठे बैठे हल्का हल्का झूम रही थी। अब राहुल कोखिड़की से छिपकर झांकने को कहा- "तुम यहाँ से देखो, मैं अंदर जाता हूँ, लेकिन छिपकर, फंस मत जाना, रोशनी को बात बात पर खिड़की की तरफ आने की आदत है"
"हां जैसे तुम्हे, तुमने भी जो पुरानी कहानी बताई, ज्यादा तो खिड़की पर खड़े होकर ही बताई।" राहुल ने कहा।
राहुल की बात सुनकर दीपक हँस पड़ा और उसे वही छोड़कर अंदर की तरफ चले गया।
राहुल देख रहा था कि रोशनी हार्मोनियम बजा रही थी। राहुल का मन था कि एक बार रोशनी को देख ले, आखिर कितना चेहरा जला है लेकिन रोशनी इस तरह बैठी थी कि उसका चेहरा बिल्कुल नही दिख रहा था,
तभी रोशनी के मोबाइल पर फोन आया- "हां, बोलो"
"खुला ही है आ जाओ, पता है पूरे बाइस मिनट लेट हो गए तुम" कहते हुए रोशनी ने फोन एक तरफ रख दिया।
राहुल ने देखा, दीपक कमरे में आया और दरवाजा बंद करते हुए रोशनी के सामने बैठ गया। और हार्मोनियम को पकड़ लिया और आगे बजाने से मना कर दिया।
"बस भी करो, कब तक अपने दुख से इस कमरे को तड़पाती रहोगी, पता है जो तुम म्यूजिक बजाते हो बाहर के पेड़ पौधे भी आंसू बहाने लगते है" दीपक मजाक करते हुए बोला।
"दिल की आवाज है, मेरी क्या गलती। ना जाने क्यों शुकुन से मिलता है, वरना ये तन्हाई खलती है मुझे" रोशनी ने कहा।
"तन्हाई, लेकिन तन्हाई कुछ दिनों की ही तो है, फिर हम शादी कर लेंगे, बस पंद्रह से बीस दिन है बीच मे। शादी के बाद भी ऐसा ही करोगे क्या?" दीपक ने कहा।
"शादी?? दीपक प्लीज अच्छे से सोच लो, क्योकि मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे शादी नही करनी चाहिए…. मेरी जिंदगी तो बर्बाद हो चुकी है मैं तुम्हारी जिंदगी बर्बाद नही करना चाहती।" रोशनी ने कहा।
"मेरी जिंदगी बर्बाद…. बर्बाद तो तुम्हे ना पाकर हो जाऊंगा मैं…. तुम बार बार यही क्यो कहती हो कि तुम्हारे साथ मैं खुश नही रह पाऊँगा" दीपक ने सवाल किया।
रोशनी ने चुपचाप नजर झुका ली। और कोई जवाब नही दिया।
"इधर देखो…. मेरी तरफ देखकर बात करो रोशनी।" दीपक ने कहा।
रोशनी ने एक बार दीपक की तरफ देखा और नजरे मिलते ही झुका ली।
"प्लीज, दो मिनट नजर मिलाकर बात करो यार।" दीपक बोला।
राहुल ये सब सुन और देख पा रहा था, और भावुक होता जा रहा था।
रोशनी आंख मिलाने से कतरा रही थी
राहुल की आंखे नम हुई जा रही थी।
दीपक लगभग भूल चुका था कि राहुल बाहर खड़ा है।
दीपक ने हारमोनियम का मुंह अपनी तरफ घुमाया और खुद भी एक अलग सी धुन को छेड़ते हुए रोशनी किबतर्फ देखते हुए गुनगुनाने लगा।
हो जाने दे , फिर मोहब्बत मुझे
हो जाने दे……. फिर मोहब्बत मुझे
ना रोक अँखियों के इशारों को
हो जाने दे….
आऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽऽ
ना रोक अँखियों के इशारों को
देखूं मैं तुझे बस, देखता रहूँ
ना देखूं और हसीं नजारों को
हो जाने दे मोहब्बत मुझे
ना रोक अँखियों के इशारों को
दीपक ने रोशनी के जले हुए चेहरे को अपने हाथों में भरते हुए उसके करीब जाकर आहिस्ता से गुनगुनाया, रोशनी बार बार पलके झुका रही थी। उसे अब ये सब बिल्कुल पसंद नही आ रहा, जबकि पहले वो आंखों में झांककर दीपक के दिल को टटोलती थी, लेकिन अब उसमे आत्मविश्वास के नाम पर कुछ भी नही था, कॉन्फिडेंस लेवल बिल्कुल जीरो हो चुका था।
झुकी हुई नजरो को बिना उठाये रोशनी बोली -"छोड़ दो मुझे? प्लीज…. अब मैं तुम्हारी मोहब्बत के लायक नही हूँ, मेरी वजह से तुम अपनी जिंदगी मत बर्बाद करो, मुझे हमेशा हमेशा के लिए छोड़ दो"
"तुम जानती नही, क्या है प्याऽऽऽऽर……
मेरे दिल में, तुम्हारे लिए क्या है यार….
अब तो बेवजह है ये सावन,
लौट जाने दो इन बहारों को
हो जाने दे फिर मोहब्बत मुझे
ना रोक अँखियों के इशारों को
हो जाने दे…… फिर मोहब्बत"
🎼🎶🔊🎶🎼🎶🔊
रोशनी के एक बार कोशिश की दीपक की आंखों में देखने की, उसे उसकी आँखों मे पुरानी और खूबसूरत रोशनी नजर आ रही थी, चेहरे में एसिड गिरने से पहले की रोशनी, रोशनी के चेहरे में एक पल के लिए एक मुस्कराहट छा गयी उसे लगा शायद वो ठीक हो गयी है, शायद उसका बिगड़ा चेहरा महज एक सपना था, जो आज टूट गया है। रोशनी ने झट से खुद को छुड़ाया और शीशे के पास जाकर खड़ी हो गयी……
शीशे के पास जाते ही अपने चेहरे को देखकर एक बार फिर से चीखी और उस चीख से पूरा कमरा गूंज उठा।
राहुल ने खिड़की से पीछे छिप गया और दीवार पर पीठ का टेक लगाकर आंसू बहाने लगा, उसके लिए ये किसी फिल्मी कहानी से कम नही थी। इतना सच्चा प्यार इस जमाने मे भी देखकर उसका दिल भर आया था। राहुल ने फिर दोबारा हीम्मत नही की अंदर को झांकने की बस खिड़की के एक तरफ रहकर उनकी आवाज में उस गाने को सुन रहा था जो वो लोग गुनगुना रहे थे।
रोशनी ने भी दीपक के अंदाज में गाकर उसे समझाने की कोशिश की।
ना जाने कैसी किस्मत है
ना जाने कैसी तकदीर है
कल तक जो था वो अब नही
बदल गयी तस्वीर है….
बदल गयी तस्वीर है।
आंखे छलक छलक बहे
दिल ये धड़क धड़क उठे
अंखियन में जगह ना मिली
आँसूओ के फुहारों को
ना कर तू फिर मोहब्बत
रोक ले अँखियों के इशारों को
ना कर तू फिर मोहब्बत……
🎼🎶🔊🎶🎼🎶🔊
रोशनी ने अपना जवाब उसी के अंदाज में दिया और अपने चेहरे को हाथों से ढकते हुए फफक के रोने लगी,
दीपक आगे आया और उसके हाथों को चेहरे से हटाते हुए रोशनी को गले लगाता है और गुनगुनाता है
ना बहा तू आंसू अपने
काबिल नही तू मेरे प्यार के
मन से निकाल इन विचारों को
खुशियां तेरी जरूरी है,
तू कहे तो तोड़ लाऊं चांद सितारों को
हो जाने दे फिर मोहब्बत मुझे
ना रोक अँखियों के इशारों को
हो जाने दे….फिर मोहब्बत….
🎼🎶🔊🎶🎼🎶🔊
दीपक ने कुछ लाइनों के साथ अपनी गाने के बोल खत्म किये और रोती हुई रोशनी को चुपाते हुए बोला- "प्लीज…. ऐसे नही रोते। ,
कहानी जारी है।
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Fiza Tanvi
27-Aug-2021 11:46 PM
Koi jawab nhi kahani ka
Reply
🤫
10-Aug-2021 03:02 PM
नाइस...
Reply
santosh bhatt sonu
11-Aug-2021 03:15 PM
Thankx
Reply